अगर कोई व्यक्ति स्थिरता से अपना जीवन व्यक्त करना चाहता है तो उसे इन बातों से ऊपर उठ कर सोचना की फल्ला व्यक्ति उसके बारे में क्या सोच रखता है , किसी व्यक्ति के लिए टिप्पणी करते वक़्त सही वा गलत का बराबरी से तोळ मोल कर लें, कोसिस करे की बिना व्यक्ति को समझे अपने विचार व्यक्त करने से बचे, विचारक होना गलत बात नही पर हर समय अपने विचारों को व्यक्त करना भी बुद्धिमता नहीं .... बस ख्याल रखें की इन्सान के विचार उसके खुद का निर्माण करते है ।